7th Pay Commission:भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को हर साल दशहरा के अवसर पर बोनस मिलता है। यह बोनस उत्पादकता से जुड़ा होता है, जिसे Productivity Linked Bonus (PLB) कहा जाता है। वर्तमान में, यह बोनस 7,000 रुपये प्रति माह की अनुमानित वेतन सीमा पर आधारित है। इस कारण, कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर लगभग 17,951 रुपये का बोनस मिलता है।
कर्मचारी संगठनों की मांगें
ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (AIRF) और भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) जैसे संगठन इस बोनस गणना पद्धति में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:
1. अनुमानित वेतन सीमा (Notional Salary Ceiling) को हटाया जाना चाहिए।
2. बोनस की गणना 7वें वेतन आयोग के आधार पर होनी चाहिए, न कि 6ठे वेतन आयोग के आधार पर।
3. वर्तमान न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये के हिसाब से बोनस की गणना होनी चाहिए।
कर्मचारियों की चिंताएं और तर्क
रेलवे कर्मचारियों का मानना है कि उनकी कठिन मेहनत और महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, वर्तमान बोनस गणना उनकी वास्तविक आय को प्रतिबिंबित नहीं करती। वे निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दे रहे हैं:
1. रेलवे कर्मचारी दूरदराज के क्षेत्रों में भी काम करते हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
2. वर्तमान बोनस राशि (17,951 रुपये) न्यूनतम मासिक वेतन (18,000 रुपये) से भी कम है।
3. 7वें वेतन आयोग के अनुसार, 78 दिनों का बोनस लगभग 46,159 रुपये होना चाहिए।
रेलवे का प्रदर्शन और बोनस का महत्व
इस वर्ष भारतीय रेलवे ने 1,591 मीट्रिक टन का रिकॉर्ड माल लदान हासिल किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है। यह उपलब्धि रेलवे कर्मचारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत को दर्शाती है। इसलिए, कर्मचारी संगठनों का मानना है कि उन्हें उचित बोनस मिलना चाहिए जो उनके योगदान को सही ढंग से प्रतिबिंबित करे।
आगे की राह
AIRF ने सभी रेलवे कर्मचारियों से एकजुट होकर वेतन सीमा हटाने और वास्तविक वेतन के आधार पर PLB की गणना करने की मांग करने का आह्वान किया है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के दबाव में रेलवे बोर्ड ने बोनस गणना में कटौती का प्रस्ताव दिया था, जिसका कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया।
रेलवे कर्मचारियों के लिए दशहरा बोनस एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। कर्मचारी अपने कठिन परिश्रम और योगदान के लिए उचित मान्यता की मांग कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या वह कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करती है। निःसंदेह, एक संतुष्ट कार्यबल भारतीय रेलवे के बेहतर प्रदर्शन और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।